’मंदाकिनी’ आकाशगंगा केन्द्र के दैत्य को जागृत करने जा रहा है एक गैसीय बादल !

हमारी आकाशगंगा ’मंदाकिनी’ के केन्द्र मे स्थित महाकाय श्याम वीवर (Spermassive Black Hole) सामान्यतः एक सोते हुये दैत्य की तरह है। लेकिन यह दैत्य अपनी निद्रा से जागने जा रहा है। पृथ्वी से कई गुणा बड़ा एक गैसीय बादल इस श्याम वीवर की ओर 50 लाख मील/घंटे की गति से इसकी ओर बढ़ रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि वे पहली बार एक बादल के बिखरने और ब्लैक होल में समाने का नज़ारा देख सकेंगे। उनका कहना है कि इस ब्लैक होल का आकार चार करोड़ किलोमीटर है और इसमें बादल को समाने में दो वर्ष से भी कम … पढ़ना जारी रखें ’मंदाकिनी’ आकाशगंगा केन्द्र के दैत्य को जागृत करने जा रहा है एक गैसीय बादल !

ब्रह्माण्ड मे पृथ्वी की स्थिति

ब्रह्माण्ड! कितना विशाल है यह ब्रह्माण्ड! हमारी कल्पना से कहीं अधिक!

चलीये अपने ब्रह्माण्ड की सैर पर। प्रारंभ करते है हमारी अपनी पृथ्वी से! अंतरिक्ष की गहराई मे एक खूबसूरत नीली गेंद।
सभी चित्रो को पूर्णाकार मे देखने के लिए उनपर क्लीक कर के देंखे!

हमारी पृथ्वी
हमारी पृथ्वी

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बुढापे की ओर बढ़ती हुयी मंदाकिनी

यह हमारी अपनी आकाशगंगा मंदाकिनी है जो लगभग 100 हजार प्रकाशवर्ष चौड़ी है। हमारी मन्दाकिनी  आकाशगंगा उम्र के ऐसे दौर से गुजर रही है, जिसके बाद अगले कुछ अरब वर्षों में इसके सितारों के बनने की गति धीमी पड़ जाएगी। ग्रहों पर नजर रखने वाले वैज्ञानिको का कहना है कि आकाशगंगा को आमतौर पर दो हिस्सों में बांटा जा सकता है। ऊर्जा से भरपूर नीली आकाशगंगा जो तेज रफ्तार से नए सितारों को गढ़ती रहती हैं और सुस्त लाल आकाशगंगा जो धीरे-धीरे मौत की ओर बढ़ रही होती हैं। स्विनबर्ग टेक्नॉलजी यूनिवर्सिटी की एक टीम ने यह दिखाया है कि … पढ़ना जारी रखें बुढापे की ओर बढ़ती हुयी मंदाकिनी