सरल क्वांटम भौतिकी: ब्रह्माण्ड किससे निर्मित है – भाग 2?

अभी तक हम क्वार्क और क्वार्क से निर्मित यौगिक कण बारयान और हेड्रान को देख चुके है। अब हम कहानी के दूसरे भाग लेप्टान पर नजर डालते है।

यदि आपने इस श्रृंखला के प्रारंभिक लेख नही पढ़े है, तो आगे बढ़ने से पहले उन्हे पढ़ें।

  1. मूलभूत क्या है ?
  2. ब्रह्माण्ड किससे निर्मित है – भाग 1?

लेप्टान

लेप्टान बिल्लीयाँ
लेप्टान बिल्लीयाँ

दूसरी तरह के पदार्थ कणो को लेप्टान कहा जाता है।

लेप्टान छः तरह के होते है जिनमे से तीन का विद्युत आवेश होता है बाकि तीन मे नही। ये बिंदु के जैसे लगते है जिनकी कोई आंतरिक संरचना नही होती है। सबसे प्रमुख लेप्टान (e) है, जिसे हम इलेक्ट्रान कहते है। अन्य दो आवेशीत लेप्टान म्युआन(μ) और टाउ(τ) है जो कि इलेक्ट्रान के जैसे आवेशीत है लेकिन इनका द्रव्यमान बहुत अधिक होता है। अन्य तीन लेप्टान तीन तरह के न्युट्रीनो(ν) है। इनमे कोई आवेश नही होता है, बहुत कम द्रव्यमान होता है और इन्हे खोजना कठिन होता है।

क्वार्क हमेशा समूह मे होते है और हमेशा यौगिक कणो मे अन्य क्वार्क के साथ होते है लेकिन लेपटान एकाकी कण है। आवेशीत लेप्टान को स्वतंत्र बिल्लीयों के जैसे माना जा सकता है जिनके साथ न्युट्रीनो जैसी चिपकी हुयी मख्खीयाँ होती और इन मख्खीयों को देखना कठिन होता है।

अन्य कणो की तरह ही हर लेप्टान का एक प्रतिलेप्टान(प्रतिपदार्थ  होता है। प्रतिइलेक्ट्रान के लिए एक विशेष नाम है “पाजीट्रान“।

लेप्टान ग्रीक भाषा का शब्द है जिसका अर्थ हैकम द्रव्यमान। लेकिन यह एक असंगत शब्द है?

उत्तर : लेप्टान का अर्थ कम द्रव्यमान हो लेकिन टाउ लेप्टान इलेक्ट्रान से 3000 गुणा भारी होता है। पढ़ना जारी रखें “सरल क्वांटम भौतिकी: ब्रह्माण्ड किससे निर्मित है – भाग 2?”

सरल क्वांटम भौतिकी: ब्रह्माण्ड किससे निर्मित है – भाग 1?

क्वार्क और लेप्टान

अभी तक आपने पढा़ है कि आकाशगंगा से लेकर पर्वत से लेकर अणु तक सब कुछ क्वार्क और लेप्टान से बना है। लेकिन यह पूरी कहानी नही है। क्वार्क का व्यवहार लेप्टान से भिन्न होता है। हर पदार्थ कण का एक प्रतिपदार्थ कण(antimatter particle) होता है।

आकाशगंगा, पर्वत तथा जल अणु
आकाशगंगा, पर्वत तथा जल अणु

यदि आपने इस श्रृंखला का प्रारंभिक लेख नही पढा़ है, तो आगे बढ़ने से पहले उसे पढ़ें।

  1. मूलभूत क्या है ?

पदार्थ और प्रतिपदार्थ

अभी तक हमने जितने भी पदार्थ कण खोजे है, उन सभी पदार्थ कणो का एक प्रतिपदार्थ कण या प्रति कण मौजूद है

प्रति कण अपने संबधित कण के जैसे ही दिखते और व्यवहार करते है लेकिन उनका आवेश विपरीत होता है। उदाहरण के लिए प्रोटान का धनात्मक आवेश होता है लेकिन प्रतिप्रोटान का आवेश ऋणात्मक होता है।  गुरुत्वाकर्षण आवेश से प्रभावित नही होता है लेकिन द्रव्यमान से प्रभावित होता है इसलिये पदार्थ और प्रतिपदार्थ दोनो पर गुरुत्वाकर्षण का समान व्यवहार होता है।  पदार्थ कण का द्रव्यमान प्रतिपदार्थ कण के समान ही होता है।

जब पदार्थ कण प्रति-पदार्थ कण से टकराता है, दोनो नष्ट होकर ऊर्जा मे बदल जाते है।

अप क्वार्क तथा प्रति अप क्वार्क का टकराव
अप क्वार्क तथा प्रति अप क्वार्क का टकराव

पढ़ना जारी रखें “सरल क्वांटम भौतिकी: ब्रह्माण्ड किससे निर्मित है – भाग 1?”

स्ट्रींग सिद्धांत(String Theory) : क्वांटम भौतिकी

श्रोडीन्गर की बिल्ली : जीवित या मृत
श्रोडीन्गर की बिल्ली : जीवित या मृत

न्यूटन से आइंस्टाइन तक आते तक भौतिक विज्ञान विकसित हो चुका था, आशा थी कि निकट भविष्य में वैज्ञानिक भगवान के मन को पढ़ने में सफल हो जायेगे। न्यूटन और आइंस्टाइन के सिद्धांतों से खगोलीय पिंडो तथा प्रकाश के व्यवहार को समझा जा चूका था, मैक्सवेल के समीकरण विद्युत-चुंबकीय व्यवहार की व्याख्या करते थे। लेकिन पदार्थ की संरचना के क्षेत्र में नयी खोजो ने सारी स्थिति बदल दी।

क्वांटम सिद्धांत का इतिहास

1803 मे ब्रिटिश वैज्ञानिक जान डाल्टन ने परमाणु के सिद्धांत को प्रस्तावित किया था। डाल्टन के अनुसार हर तत्व एक विशिष्ट प्रकार के परमाणु से बना होता है और परमाणु मिलकर रासायनिक पदार्थो का निर्माण करते है। एक गणितिय फ्रेंच वैज्ञानिक जीन पेर्रिन ने आइंस्टाइन के सिद्धांत का प्रयोग करते हुए परमाणु का द्रव्यमान और आकार मापा था। पढ़ना जारी रखें “स्ट्रींग सिद्धांत(String Theory) : क्वांटम भौतिकी”